Tuesday, 21 February 2017

Experience (Anubhav)

हमारी जिंदगी क्या है ? अगर आप गौर से सोचें तो ऐसा पाएंगे कि हमारी पूरी जिंदगी कई सारे  छोटे-छोटे आयामों का संकलन है I इस एक जिंदगी में आपके द्वारा कई सारे  किरदारों को निभाया गया है I हमारे लिए परेशान करने वाली स्थिति तब उत्पन्न होती है जब हम इसे एक संपूर्ण इकाई के रूप में देखने लगते हैं I

हमारी जिंदगी अनेक पलों का संयोजन है और हर पल हमारी मनोदशा बदलती रहती है और अनेकों अनुभव को प्राप्त कर रही होती है I इसमें कुछ दुखद अनुभव भी अनेक सुखद पहलुओं के रास्ते को खोल देती है ठीक इसके विपरीत अनेक सुखद अनुभव भी दुखदायी पलों को जन्म देती है I

अनुभव का हमारी जिंदगी को गति प्रदान करने में अच्छा खासा योगदान है I जीवन के किसी भी पल में अगर आप अपने आपको अनुभव से समृद्ध नहीं कर रहे हैं तो आप एक बहुमूल्य अवसर को खो रहे हैं I जीवन के किसी भी स्थिति में अनुभव रूपी पूंजी को इकठ्ठा कीजिये क्योंकि यही आपके अभिव्यक्ति को पुष्ट करती है I

सबसे खास बात यह है कि जिंदगी में होने वाले बुरे अनुभवों से भी घबराएँ नहीं क्योंकिं अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो आप अपने आपको एक कुशल मार्गदर्शक से दूर कर रहे हैं I आपके जिंदगी का  पहलु आपको कुछ न कुछ सिखाएगा और हमारा जीवन सीखने  और अनुभव प्राप्त करने के बगैर एक खोखली प्रक्रिया है I 

Monday, 20 February 2017

Karma

कर्म, भाग्य, नियति, प्रारब्ध, और जीवन ये सारे  ऐसे शब्द हैं जिनके रहस्य को समझ पाना या किसी को समझा एक रहस्य ही है I अगर कुछ लोग इन गहन बातों को समझ भी प् रहे हैं तो यह उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि या व्यक्तिगत अनुभव है और किसी के भी व्यक्तिगत अनुभव और अनुभूतियों को सामान्यीकृत नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह उनके  व्यक्तिगत जीवन की स्थिति और उनकी मनोदशा का प्रतिफल होता है I

लेकिन एक बात यहाँ काफी ध्यान देने योग्य हैं की इन शब्दों का हमारे जीवन के लिए महत्व काफी गहरा है और हमारे द्वारा इन शब्दों को समझ जाना काफी आवश्यक है I इसमें तो कोई संदेह की बात ही नहीं है की आपके कर्मों और उससे उत्पन्न विचारों से आपके जीवन की दिशा निर्धारित होती है और एक अच्छे मनोदशा का निर्माण होता है I

कर्मा का किया जाना और मानव जीवन के अस्तित्व का काफी गहरा नाता है I अपने कर्मों की दिशा को सरलता से पहचानने का एक उपाय यह हो सकता है जो कर्मा आपके आत्म तत्त्व को पुष्ट करते हों या जिसे किये जाने के पश्चात् आप अपने अंदर ऊर्जा की बढ़ी हुयी मात्रा का अनुभव कर सकते हैं और ऐसा किये जाने के पश्चात् आपके अंदर एक आनंद का भाव जागृत होता है और जीवन में उत्पन्न होने वाले अन्य नकारात्मक परिस्तिथियों पर अपना ध्यान केंद्रित होने नहीं देता है I 

Thursday, 2 February 2017

Life

इस शब्द को समझना ही हमें प्रति पल उत्कृष्ट जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करता है I अगर गौर से समझा  जाये तो जीवन एक यात्रा है जो जन्म से शुरू होकर मृत्यु को प्राप्त होती है I इस संद्धर्भ में हमसे बड़ी भूल हो जाती है की हम इसका अर्थ ढूंढने लगते है I जिस शब्द को पूर्णतया परिभाषित करना कठिन है उसका हम अर्थ कैसे ढूंढ सकते हैं I अतः होना यह चाहिए की हम इसके कोमलता, सहजता और प्रेमपूर्ण आलिंगन को समझने का प्रयास करें I

अक्सर मानव स्वभाव के वशीभूत होकर हम सुख-दुःख, सम्मान-अपमान जैसे भावदशाओं के चक्कर में जीवन के अथाह आनंद को नहीं समझ पाते हैं और हमारा मन और हृदय दोनों अस्थिर रहता है I  जीवन जब एक यात्रा है तो इसमें हमें आनंद  को प्राप्त करने के प्रति प्रवृत होना चाहिए I

जब कभी भी हम एक श्रेष्ठ  जीवन की और आकृष्ट होते हैं तो हमें स्वयं में ही अनेक चिरकालिक समन्वय दिखाई देने लगते  है I सबसे पहला समन्वय हमारे मन, वचन और कर्म में होता है I हम इन तीनों के प्रति अत्यधिक जागरूक होने लगते हैं और इन तीनों आयामों के प्रति पूर्ण चेतना और जागरूकता का रखा जाना ही तो जीवन हैI जिस क्षण आप अपना जीवन जीना  शुरू करते हैं उसी क्षण से आप अपना सामना  बेहतर तरीके से कर सकते हैं I

सामान्य तौर पर हम अपने जीवन को स्वतंत्रता की और ले जाने के बजाये समय, तन, लोग, परिस्थितियों, अपूर्ण  इच्छाओं, हमारे अंतरतम में जन्म लेनेवाली विभिन्न प्रकार की संवेदनाओं व भावनाओं का दास बना लेते हैं I  अंतहीन विचार, मिथ्याबोध हमारे जीवन को अनुपयुक्त अथवा अवांछनीय बना देते हैं I

अतः सर्वप्रथम अपने जीवन को मनसा वाचा कर्मणा के सामंजस्य पर आगे बढाएं क्योंकि ऐसा किया जाना हमें सत्यता के मार्ग पर अग्रसर करेगा I परिस्थितियां कितनी भी जटिल हों अपने वास्तविक स्व का बलिदान मत दीजिए I आजीवन हम प्रसन्नता, सफलता, शांति, और प्रचुरता प्राप्त करने के लिए प्रयास करते रहते हैं लेकिन प्रायः हमें इनकी प्राप्ति में निराशा  हाथ लगती है, जबकि हमारे वास्तविक स्व की खोज हमें कष्ट और आघातों से मुक्ति  दिलाती है I

Wednesday, 1 February 2017

हमारी संस्कृति में देवी देवताओं के पूजा और भक्ति की परंपरा काफी गहराई से जड़ जमाये हुए है हालाँकि यह एक अलग बात है कि हम उनकी प्रत्यक्षता का एहसास नहीं कर पाते हों I लेकिन यह बात तो काफी महत्व की है कि हमारे मानव जीवन में उनका काफी गहरा प्रतीकात्मक महत्व है I आज वसन्तपञ्चमी के उपलक्ष्य पर हम मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं I माँ सरस्वती को बुद्धि और विवेक की प्रतिमूर्ति माना  जाता है I 

माँ सरस्वती के प्रतीकात्मक वाहन हंस के अगर गुणों पर हम ध्यान केंद्रित करें तो ऐसा पाएंगे कि हंस में सही और गलत के चुनाव की काफी प्रभावशाली योग्यता है I अगर माँ सरस्वती का वाहन इस सन्देश को प्रक्षेपित करता है कि तो माँ सरस्वती के बच्चे के रूप में  हमारा बुद्धि और विवेक इतना प्रखर  होना चाहिए कि हम अपने जीवन में आने वाले सही और गलत विकल्पों का चुनाव विवेक के साथ कर सकें तो निश्चितत रूप से हमें इस पावन अवसर पर अपनी बुद्धि और विवेक रूपी पूंजी का संचय करना चाहिए I 

अतः सरस्वती पूजा के इस पावन अवसर पर माँ शारदा  से हमें यह अनुग्रह करना चाहिए की वह हमें बुद्धि और विवेक रूपी पावन उपहार से समृद्ध करें I ताकि हम अपने स्वयं और अन्य लोगों के जीवन को समृद्ध बना सकें I